फ़क़्त बस बैठे-बिठाए मसअला हो जाएगा
होंट हिलते ही नहीं हैं आप हो जब सामने
आप ही कोशिश करो तो हौसला हो जाएगा
आप ही कोशिश करो तो हौसला हो जाएगा
रेत पर बच्चे की मेहनत लहरों से टकरा गई
पर 'घरौंदा' टुटा तो वो ग़मज़दा हो जाएगा
पर 'घरौंदा' टुटा तो वो ग़मज़दा हो जाएगा
दिल अभी महफूज़ है महफ़िल के कारोबार से
आप गर चाहेंगे तो यह मुब्तिला हो जाएगा
आप गर चाहेंगे तो यह मुब्तिला हो जाएगा
आ करूँ में आज तुझसे दिलरुबा यह फैसला
और भी कुछ ना हुआ तो तजरुबा हो जाएगा
और भी कुछ ना हुआ तो तजरुबा हो जाएगा
ग़ैर के तो ऐब हमने रात-दिन देखा किये
अपने देखेंगे तो यह दिल आईना हो जाएगा
अपने देखेंगे तो यह दिल आईना हो जाएगा
चापलूसी पर टिकें हैं 'साहिल' रिश्ते आज के
सच अगर आया ज़ुबाँ पर फासला हो जाएगा
सच अगर आया ज़ुबाँ पर फासला हो जाएगा
- शाहनवाज़ 'साहिल'
चर्चामंच के माध्यम से सबसे अच्छी और शानदार पोस्ट तक पहुंच ही गया।
ReplyDeleteवाह....
इस हौसला अफ़ज़ाई के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया रोहित जी!
Deleteशुक्रिया भाई!
ReplyDeleteवाह!
ReplyDeleteशुक्रिया अमृता जी...
Deleteवाह ! बहुत खूब !
ReplyDeleteशुक्रिया साधना जी
Deleteshaandaar ghazal! Aapka takhallus pasand aaya:)
ReplyDeleteहौसला अफ़ज़ाई के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया अमित जी...
Deleteबहुत सुन्दर रचना।
ReplyDeleteबहुत-बहुत शुक्रिया प्रवीण भाई जी..
Deleteबहुत सुन्दर है रचना आपकी और उसपर आपका ये अंदाज -
ReplyDeleteचापलूसी पर टिकें हैं 'साहिल' रिश्ते आज के
सच अगर आया ज़ुबाँ पर फासला हो जाएगा
जबाब नहीं है ..............
हौसला अफ़ज़ाई के लिए बहुत-बहुत शुक्रिया v k jain जी..
Deleteबहुत ही सुन्दर सच लिखा आपने
ReplyDeleteसलाम आपकी लेखनी को
बहुत-बहुत शुक्रिया कंचन जी
DeleteBahut sundar. Slashdot, Scmp, Flickr & Rutgers
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