हमारी आस्था और उसके विरुद्ध लोगों की राय पर हमारा व्यवहार
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अक्सर लोग अपनी आस्था के खिलाफ किसी विचार को सुनकर मारने-मरने पर उतर जाते
हैं, उम्मीद करते हैं कि सामने वाला भी उतनी ही इज्जत देगा, जितनी कि हमारे
दिल में...
नई ऐसी फ़िज़ा झूमे, रौशन हो हर इक चेहरा
ReplyDeleteए काश चलन निकले, ढहने का दीवारों का
..आमीन!
नव वर्ष मुबारक हो!
शुक्रिया कविता जी, आपको भी नववर्ष की ढेरों शुभकामनाएं! :)
Deleteखट्टी-मीठी यादों से भरे साल के गुजरने पर दुख तो होता है पर नया साल कई उमंग और उत्साह के साथ दस्तक देगा ऐसी उम्मीद है। नवर्ष की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
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