देश के मुसलमान यह सोच कर वोट देते हैं, हम जिसे वोट देकर जिताएंगे वोह हमारी मदद करेगा। मगर अब ज़रूरत इस बात की है कि हम यह सोच कर वोट करें कि किसको वोट देना क्षेत्र और देश के भविष्य के लिए कम से कम दूसरे से बेहतर हो सकता है।
हमें इस सच्चाई को अब क़ुबूल कर लेना चाहिए कि चाहे कोई भी सरकार आ जाए, हमारी मदद कोई नहीं करने वाला है। इसलिए हमें कौम और देश के नेताओं की तरफ आस लागना छोड़कर अपनी मदद खुद करनी होगी। वैसे भी जो अपनी मदद खुद नहीं करते उनकी मदद कोई नहीं करता।
सबसे पहले तो हम लोग कसम खाएं कि हम खुद अपने बच्चो को अच्छी से अच्छी तालीम (जहाँ तक भी संभव हो) देंगे और अपने आस-पास वालों, जानने वालों और रिश्तेदारों में इसके लिए पुरज़ोर कोशिश करेंगे। इसलिए नहीं कि पढ़-लिख कर नौकरी करनी है, बल्कि इसलिए कि चाहे छोटे से छोटा या बड़े से बड़ा कोई भी काम या सर्विस करें मगर कौम को आगे ले जा सके।
और अपना वोट ज़रूर और हर हालत में दे, देश को हमारे वोट की ज़रूरत है। हमारे वोट से हालात बदलें या ना बदलें, मगर इस कोशिश में हमारा योगदान ज़रूर होनी चाहिए।
Keywords: indian, muslims, education, learning, teaching, schooling, school, lesson, study, politics, dependency
बहुत सही लिखा है. शिक्षा सर्वोपरि है.
ReplyDelete