हमारे सैनिकों को शहीद करने वाले चाहे पाकिस्तानी सैनिक थे या नहीं थे, परन्तु आये तो उसी धरती से थे। वहीँ पर खुलेआम आतंकवादियों के ट्रेनिंग शिविर भी लगते हैं, जिन्हें वहां की सरकार खुलेआम संरक्षण देती है। जब आपने इतनी जल्दी उनकी पहचान पता कर के हमपर इतना उपकार कर ही दिया है तो आपको उनके ठिकानों की भी ज़रूर जानकारी होगी ही? तो कयों नहीं नेस्तनाबूद कर देते हैं एंटनी बाबू? फिर तो पाकिस्तानी सैनिक और आतंकवादियों का पर्दा भी नहीं रहेगा!
मानता हूँ कि हमारी सेनाएँ उनकी तरह नामर्द नहीं हैं जो चुपके से वार करें, मगर कमज़ोर भी नहीं हैं जो दुश्मन को उसके घर में घुसकर सबक ना सिखा सके!
केवल बयान बहादुर हैं !!
ReplyDeleteसही कहा!
ReplyDeleteप्रणाम
ईद मुबारक
ReplyDeleteबहुत-बहुत शुक्रिया :-) आपको भी ढेरों शुभकामनाएं!
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