धर्म का मकसद इंसान का ताल्लुक पालनहार से जोड़ना है और धर्म इंसानों से मुहब्बत सिखाता है। लेकिन धर्म की सही जानकारी नहीं रखने वाले लोग दुनिया के लिए परेशानी का सबब बन जाते हैं। उन्हें कोई परवाह नहीं होती कि उनके कारण चाहे किसी को कितनी भी परेशानी होती रहे।
मुहर्रम के नाम पर कल रात साड़े ग्याराह बजे (11.30 p.m.) तक लोग हमारे घर के सामने कान-फोडू ढोल के साथ हुडदंग मचाते रहे, और उसके बाद आगे निकल गए और लोगो को परेशान करने के लिए। उनके चेहरों की मस्ती बता रही थी कि उन्हें शहीद-ए-करबला हजरत इमाम हुसैन (रज़ी.) की शहादत के वाकिये से कोई वास्ता नहीं था। उनका वास्ता था, तो केवल और केवल अपने हुडदंग और मस्ती से, जिसे धर्म के नाम पर ज़बरदस्ती बाकी लोगो पर थोपा जा रहा था।
अजीब बात है कि आम मुसलमानों को यह दिखाई नहीं देता कि यह लोग शहीद-ए-करबला हजरत इमाम हुसैन को अपनी श्रद्घांजलि देने की जगह उनके नाम पर मस्ती और हुडदंग मचाते है। और ऐसा किसी खास धर्म या समुदाय के लोग ही नहीं करते, बल्कि हर धर्म में ऐसे लोग मौजूद हैं।
सुबह सही से होने भी नहीं पाई थी, तड़के 5 बजे प्रभातफेरी के नाम पर लाउडस्पीकर के साथ शोर मचाना शुरू कर दिया गया। धार्मिक स्थलों पर रोजाना सुबह-सुबह इसी तरह लोगो को परेशान किया जाता है। पूजा-अर्चना / इबादत का ताल्लुक स्वयं से होता है, मगर अपनी इबादत में ज़बरदस्ती दूसरों को शामिल क्यों किया जता है? मेरा घर तो फिर भी थोडा दूर है, सोचता हूँ कि जिनका घर बिलकुल करीब है वह कैसे प्रतिदिन इस कडवे घूँट को पीते होंगे। हिंदुस्तान जैसे धर्म प्रधान देश में इस तरह कडवे घूँट पीना मज़बूरी है, क्योंकि जो विरोध करता है उसे धर्म विरोधी ठहरा दिया जाता है।
एक दूसरों के धार्मिक स्थल के करीब पहुँच कर तो इस तरह की हुडदंग और भी बढ़ जाती है, देश में सबसे अधिक दंगे इस तरह की प्रवित्तियों के कारण ही होते हैं।
शहर में अक्सर लोग रात की ड्यूटी करके आते हैं, लेकिन इन लोगो को कोई फर्क नहीं पड़ता है, चाहे कोई बीमार हो, किसी की नींद खराब हो या फिर किसी की पढ़ाई को नुक्सान हो रहा हो। आखिर यह धर्म के नाम पर अधर्म हम पर कब तक थोपा जाएगा?
परेशानी का सबब तो यह है कि इस दिखावे नामक अधर्म को धर्म के नाम पर परोसा जा रहा है, हमारे देश में इन तथाकथित धार्मिक लोगो पर कानून का कोई डर नहीं होता। और सरकार से तो कोई उम्मीद करना ही बेमानी है।
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धमाचौकड़ी झूमना, शोर-शराबा खेल |.
ReplyDeleteआज धर्म के नाम पर, साधु रहे हैं झेल |.
साधु रहे हैं झेल, शहादत में भी रौनक |.
नहिं कोई कानून, दिखाते शानो-शौकत |.
हुडदंगी चहुँओर, नहीं कुछ लेना देना |.
समझे ये शैतान, धर्म को चना-चबेना ||.
sarthak aur jaruri post.
ReplyDeletebilkul sehamt ham dharm kae naam par shor machaane mae praveen haen
ReplyDeletephir chahey wo hindu dharm ho islaam dharm
कहीं आप और हम 'मक्खी' तो नहीं - ब्लॉग बुलेटिन आज की ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
ReplyDeleteएकदम सही फ़रमाया
ReplyDeleteयही तो समस्या है हमारे देश में..नमाज पढ़ो तो सड़क घेर लो....जगराता करो तो सारे मुहल्ले को जगा के रखो...शादी करो तो सड़क के ट्रैफिक को रोक दो....यह हमारी आदत में है। दस बजे तक संगीत की परमिशन है मगर जहां शादी हो वहां रातभर हुड़दंग मचता है आप कुछ नहीं कर सकते...कुछ साल पहले पटना हाईकोर्ट ने दिन में मस्जिद पर लाउडस्पीकर की आवाज पर रोक लगाने की कोशिश की थी...इसपर इतना हंगामा मचा कि नतीजे में दो दिन बाद जज महोदय कह रहे थे कि उन्हें वहां से ट्रांसफर चाहिए...। जब जज साहब का ये हाल है तो बाकी तो भगवान ही मालिक है।
ReplyDeleteनासमझी विदा होते होते ही होगी।
ReplyDeleteमानवता की त्रासदी है कि अधर्म को धर्म के रूप मे जाना जा रहा है
ReplyDeletekal noida aur delhi main do baar traffic ko divert kar diya ...samajh hi nahi aa rah tha ki kidhar ko chale...
ReplyDeletejai baba banaras....
ज्योतिष की काली करतूत
ReplyDeleteसंतोष शर्मा
विज्ञान की लगातार तरक्की के बावजूद आज भी अनेक लोग तंत्र - मंत्र , भूत -प्रेत , ओझा - गुरु , तांत्रिक - ज्योतिषी के फंदे में फंसे हुए हैं। इसी का नतीजा यह है कि आये दिन कहीं किसी बच्चे की बलि तंत्र - मंत्र सिद्धि के नाम पर चढ़ा दी जाती है , तो कहीं किसी पाखंडी ज्योतिषी के हाथों लोग तन - मन और धन लुटवा आते हैं।
भूत - भविष्य या वर्तमान बतलाने का झूठा दावा कर कर ये ज्योतिषी अपना ठगी का धंधा चला रहे हैं। ' ज्योतिष पेश ' गैर - क़ानूनी है। इस पेशे में प्रोफेशन टैक्स भी नहीं लिया जाता है। बावजूद ज्योतिषी का यह गैर - क़ानूनी धंधा खासकर पश्चिम बंगाल में खुलेआम चल रहा है। ठगी का धंधा चलने वाले ये ज्योतिषी मूर्ख जनता को उनके अंधविश्वास का पूरा फायदा उठाते हुए उन्हें लूटते हैं। रूपये - पैसे ऐंठने के बाद मौका मिला तो किसी महिला की उज्जत तक लूटने से बाज नहीं आते हैं।
पिछले दिनों ऐसे ही एक पाखंडी ज्योतिषी अनिर्वाण शास्त्री को सुमना चटर्जी नामक एक महिला से छेड़छाड़ के लिए गिरफ्तार किया गया। इस गिरफ्तारी से यह साफ हो जाता है कि ज्योतिष नामक अवैध धंधा चलने वाले यह ज्योतिषी ने किसी की इज्जत तक पर हाथ डाला था।
भारतीय विज्ञान व युक्तिवादी समिति के अध्यक्ष प्रवीर घोष ने कहा कि पश्चिम बंगला में सबसे ज्यादा ज्योतिषियों का बोल - बाला है। ज्योतिषी का पेश भी कानूनन अवैध है। उन्होंने मांग की है कि गिरफ्तार ज्योतिषी अनिर्वाण शास्त्री को कड़ी सजा दी जाये