यूँ तो हिंदी जगत में ब्लॉगर मिलन अक्सर होते हैं और अक्सर यह चर्चा भी रहती है कि ब्लॉगर मीट सार्थक होती है अथवा नहीं. हालाँकि सार्थकता के मायने हर इक के लिए अलग होते हैं, फिर भी एक सार्थक बात तो हर एक ब्लॉगर मीट में होती ही है और वह है दिलों का मिलना. आज जहाँ हर ओर नफरत के गीत गाए जा रहे हैं ऐसे में मुहब्बत के माहौल में मिलना-मिलाना खुशगवार हवा के झौंको से कम बिलकुल भी नहीं है.
मिलने-मिलाने की आड़ में,
आपस में दिल मिलते रहे
बस 'प्रेम रस' बढ़ता रहे,
यूँ इश्कियां फूल खिलते रहे.
अगर बात अपनी कहूँ, तो हर एक ब्लॉगर मीट में बहुत कुछ सीखने का मौका मिला है. आभासी दुनिया से निकल कर असल दुनिया में ब्लॉगर बंधुओं से मिलने पर जिम्मेदारियों का एहसास हुआ. इस बार भी कई साथियों से तकनिकी स्तर पर बहुत सारी सार्थक वार्ताएं हुई. बहुत सी बातें सीखी और बहुत से साथियों को बहुत सारी बातें सिखाने का वादा हुआ. बल्कि मेरे विचार से तो हर एक ब्लॉगर मीट में तकनिकी कार्यशाला का इंतजाम अवश्य होना चाहिए.
चलिए अब चलते 'अजब' सांपला (के ब्लॉगर मिलन) की 'गज़ब' कहानी की ओर:-
हर एक धांसू कहानी की तरह यहाँ भी, धुरंधर 'अजय कुमार झा' की 'धमाकेदार एंट्री'
डायरेक्शन टीम से अंतर सोहिल तथा राज भाटिया जी अजय झा को सीन समझाते हुए
थोड़ी देर बाद ही दूसरी टीम भी लाल कारपेट पर चलने की बेताबी लिए आ पहुंची.
सबसे पहले कैमरों की निगाह ब्लॉगिंग के रजनीकांत 'महफूज़ अली' पर पड़ी
कैमरों को देखने के बाद इनका 'अंदाज़' देखिये ज़रा
उनके पीछे-पीछे श्रीमती संजू तनेजा तथा मुकेश कुमार सिन्हा भी गर्म जोशी से आते हुए दिखाई दिए
आते ही गलियारों में चर्चा शुरू हो गई, हर कोई महफूज़ भाई की इस बेहतरीन शक्सियत की महफूज़गी का राज़ जानने को उत्सुक नज़र आ रहा था और 'वह बताने में'!
(बाएँ से) हँसते रहो फेम राजीव तनेजा, श्रीमती राज भाटिया, श्रीमती संजू तनेजा तथा महफूज़ अली.
अंजु चौधरी से बतियाते महफूज़ भाई
कुछ फोटो खींचने में तो खुछ देखने में मशगूल!
और अजय भाई जायज़ा लेने में मशगूल!
हो जाए एक ग्रुप फोटो
एक और बड़ी सी ग्रुप फोटो!!!
मशहूर चर्चाकार वंदना जी केवल राम से चर्चा करते हुए.
रिश्तों की यह गर्मजोशी तो देखिये
बात और भी आगे बढती हुई...
चेहरों पर मिलने की इतनी ख़ुशी देखने के बाद भी सार्थकता में कुछ कमी रह गयी है क्या?
(जाट देवता के साथ महफूज़)
ब्लॉग्गिंग के गुर सीखते-सीखाते एक छोटी कार्यशाला...
लीजिये नाश्ते का समय हो गया...
हमारे कैमरे की पसंदीदा डिश 'बिस्कुट्स', हालाँकि हमें तो पकौड़े अधिक पसंद आए.
शायद बताया जा रहा है सौ-सौ टिप्पणियों का राज़ :-)
संजू भाभी राजीव तनेजा को समझा रही है कि ज्यादा खर्चा मत करो, अभी थोड़ी देर पहले तो जेब खर्ची दी थी... क्या सब उड़ा दिया?
और महफूज़ भाई का यहाँ कहना है कि ब्लॉग्गिंग का यही मज़ा है, जितना मर्ज़ी पकौड़े खाओ, सेहत फिर भी तंदुरुस्त रहती है...
यह देखिये, दिखा-दिखा कर खाया जा रहा है.
थोड़ी देर से ही सही खुशदीप भाई की टीम भी आ पहुंची, आते ही उनका स्वागत किया इंतज़ार करते कैमरों के फ्लैश ने. इतने कैमरे चलने लगे कि उनको ऑंखें खोलना भी मुश्किल हो गया है जी...
एक शानदार पोज़ देते हुए... (बाएँ से) खुशदीप सहगल, सर्जना शर्मा जी तथा श्रीमती एवं श्री राकेश कुमार जी
लो जी गन्ना प्रतियोगिता शुरू हो गयी है...
फिर से एक ग्रुप फोटो...
श्रीमती एवं श्री राज भाटिया जी मेहमानों का इस्तक़बाल करते हुए...
परेशान मत होइए, यहाँ कुछ गुस्सम-गुसाई नहीं हो रही है... टिप्पणियों के लेन-देन पर चर्चा भी नहीं हो रही है, बल्कि ब्लोगिंग पर गंभीर चिंतन हो रहा है भय्या!!!
लीजिये हम भी आ गए एक ग्रुप फोटो के लिए...
गर्मजोशी यहाँ भी है...
और यहाँ भी...
यह वाला फोटू तो देखिये ज़रा...
एक ग्रुप बैठ कर भी नज़ारा ले रहा है...
और बाहर गन्ना प्रतियोगिता और फोटो सेशन साथ-साथ
चलिए यहाँ भी चर्चा शुरू हो गयी...
गन्ना प्रतियोगिता चालू है...
गन्ना पकड़ कर ब्लॉग चर्चा कैसे की जा सकती है, यही समझा रही हैं वंदना जी श्रीमती भाटिया जी को...
लीजिये अलबेला खत्री जी भी पहुँच गए. संजय भास्कर स्वागत करते हुए...
और पद्म भाई की पद्मवाली का जायजा लेते हुए अजय भाई...
अब बारी आई अपनी-अपनी बात कहने की...
इंदु जी का प्यार और दुलार देखकर ख़ुशी के आंसू झलकने लगे...
देखिये कैसी तन्मयता से सुना जा रहा है...
दूसरी और का द्रश्य भी देख लीजिये...
ब्लॉगप्रहरी कनिष्क कश्यप अपनी बात रखते हुए....
एक अलग अंदाज़....
यह शायद 'मेरे विचार मेरे ख्याल' ब्लॉग वाले सुशील गुप्ता जी हैं...
और जब खुशदीप भाई बोले तो सब एक सुध होकर सुनते ही रह गए....
राजीव भाई ने कहा..... हँसते रहो
अंजु चौधरी बोल रही है और कई कैमरे उनका पीछा कर रहे हैं...
संजू भाभी ने भी अपनी बात रखी....
वंदना जी के समय लाईट थोड़ी कम हो गयी थी...
सर्जना जी भी ब्लोगिंग और मीडिया के कई राज़ खोले...
केवल और केवल 'केवल' भाई...
और आई अब अजय भाई की बारी....
एक-एक पॉइंट कुछ इस अंदाज़ में बयां हो रहा है...
ज़रा यह अंदाज़ तो देखिये..
लीजिये खाना शुरू हो गया...
महफूज़ भाई की सेहत का राज़ तो लगता है कि बस पापड़ खा कर ही काम चलाने वाले हैं.... :-)
अलबेला जी कह रहे हैं कि 'महफूज़ सिर्फ पापड़ खाने से पेट नहीं भरेगा'
बातें छोडो, खाना खाओ यार...
ब्लॉग-चर्चा
कुंवर जी अकेले ही?
अलबेला-शाह
इतनी गभीरता??? या फिर पोज़ देने में शर्मा रहे हैं?
फोटो खिचवाना हो तो ऐसे खीचवाइए ना...
या फिर ऐसे....
(व्यंजना शुक्ल के साथ योगेन्द्र मौदगिल)
सिक्योरिटी का भी पूरा इंतजाम था, हर कोने-कोने पर नज़र रखी जा रही थी... ताकि कोई परिंदा भी पर ना मार सके...
विदाई का समय नज़दीक है...
और यह आखीर वाला पोज़...
कीर्ति नगर मेट्रो स्टेशन पर...
अजय भाई अपने कैमरे के फोटो जांचते हुए....
लीजिये मेट्रो आ गयी...
जब इत्ते फोटो झेल ही लिए हैं तो यह अखीर वाला हमारा फोटू भी झेल लो भय्या...
वाह॥ क्या बात है फोटो देखकर तो लग रहा है बहुत ही प्रभावशाली रही इस बार की ब्लॉगर मीट काश हम भी इसका हिसा बन पाते ...
ReplyDeletepost lagaane wale ki jai ho.........
ReplyDeleteभाई वाह... मज़ा आ गया,...
ReplyDeleteशानदार चित्रों के साथ बहुत रोचक विवरण...
ReplyDeleteनीरज
sachche me:)
ReplyDeletekuchh jayda hi maja aa gaya..!!
red carpet pe jane ka mauka jo mila..!!
happy new year Shahnawaj bhai:)
वाह!! जी वाह
ReplyDeleteफोटो अच्छे है मगर किन विषयों पर क्या-क्या चर्चा हुई या किस ब्लॉगर द्वारा देश, समाज और आमआदमी के हित की कोई बात कही या नहीं ऐसी जानकारी का उपरोक्त पोस्ट में अभाव मिला. किसने अपनी नैतिकता का फर्ज निभाया या अपना फोन करने का या किसी ने
ReplyDeleteब्लॉगर भाई की मदद करने का वादा निभाया आदि अनुभवों को भी समेटना चाहिए था.
बहुत सी यादें जुडी रहेंगी सापला की सांपला के ब्लॉगर मिलन बहुत ही आनद दायक पल थे
ReplyDeleteऔर जहाँ तक गन्ने की बात है करीब दो सालो बाद गन्ना खाया
मन तृप्त हो गया जी बढ़िया रिपोर्ट ..!
excellent one... I missed it...
ReplyDeletekindly convey my (once again) sorry to Mr. Sohil and Bhatia ji..
भाई वाह ....सारी यादे फिर से ताज़ा हो गई
ReplyDeleteसबने कुछ ना कुछ लिख डाला ....बस हम ही पीछे रहे गए ....चलिए कोई नहीं ..आपको मौका मिला ...इसी में हम खुश हैं ....हा हा हा हा हा ह
@आखिरी वाला फोटो ....
ReplyDeleteउखड़े उखड़े मेरे सरकार नज़र आते हैं ...
:-)
खूब जमकर फोटोग्राफी की है ।
ReplyDeleteसुन्दर चित्रों सहित विस्तृत ब्लोगर्स मिलन रिपोर्ट देखकर मज़ा आ गया ।
वाह! यह तो चित्रकथा हो गई प्रेम रस सहित
ReplyDeleteबढ़िया, बहुत बढ़िया
आनंद आ गया। तश्वीरें देख कर और उसके नीचे लिखी मजेदार चुटकियाँ पढ़कर। सांपला न पहुंच पाने का गम कुछ कम जरूर हुआ। बैठे बिठाये बहुत कुछ जान लिया। ....आभार इस शानदार पोस्ट के लिए। बधाई खूबसूरत फोटोग्राफी के लिए।
ReplyDeleteItne meethe chitro ki post mera sugar level to increase ho hi gaya.
ReplyDeleteएक विशेष अंक निकाल दीजिये, इतना अच्छा वर्णन किसी घटना का नहीं पढ़ा है अब तक।
ReplyDeleteबेहतरीन पोस्ट । शाहनवाज़ भाई , इस पोस्ट को बुकमार्क करके रख रहा हूं । अब किसी को इंप्रेस करना होगा तो सीधे इस पोस्ट की लिंक थमा के छाती फ़ुला के निश्चिंत ।
ReplyDeleteबहुत ही कमाल धमाल । उस दिन को , आप दोस्तों को और इस ब्लॉगिंग को बहुत बहुत शुक्रिया जो ये पल इतिहास बन गया और हम उसके गवाह । सांपला हिंदी अंतर्जाल पर अपनी पहचान बना गया , और ये सांपला और हिंदी अंतर्जाल दोनों के लिए खुशी और फ़ख्र की बात है ।
बढिया चित्र और बढिया रिपोर्ताज़॥
ReplyDeleteवाह आज तो कमेंट वाला दरवाज़ा भी खुला है :-) एक से बढ़ कर एक ..... न पहुचने वालों के लिए सर्दी का बहाना काफी नहीं लग रहा :)
ReplyDeleteभाई आप की सुंदर पोस्ट देख कर जो लोग नही आ पाये अब पछता रहे होंगे , कोई बात नही फ़िर कभी सही, एक शान दार याद गार चित्रावली.
ReplyDeleteधन्यवाद
कुछ भी कहो शाहनवाज़ भाई... कमाल कर दिया... कैमरे ने तो.... अगली मीत में अपना वज़न कम कर लूँगा ... आपके कैमरे ने आइना दिखा दिया साला....
ReplyDeleteआखिरी वाला फोटो ....
ReplyDeleteउखड़े उखड़े मेरे सरकार नज़र आते हैं ...
:-)
बढिया चित्रमयी झांकी
ReplyDeleteएक पोस्ट में इत्ते सारे फोटो एक साथ ? किस को अच्छा और किस को बहुत अच्छा कहें चुनना मुश्किल हो गया है !
ReplyDeleteसारी बातें , अच्छी हे, साम्पला की, परन्तु
ReplyDeleteसीक्युरीटी बंदोबस्त सबसे ,अच्छा और पक्का था
बढिया चित्रमय प्रस्तुति। हर तस्वीर के साथ के कैप्शन लाजवाब। खासकर मुस्तैदी से पहरा देते बंदरों वाली.....
ReplyDelete@ All
ReplyDelete:-) धन्यवाद!
@ Mukesh Kumar Sinha
नया साल आपको भी बहुत-बहुत मुबारक हो मुकेश भाई!
@ रमेश कुमार जैन उर्फ़ "सिरफिरा"
रमेश भाई इस पोस्ट में केवल इतना ही, जल्द ही अगली पोस्टों में वोह सब भी बताता हूँ...
@ Suresh Chiplunkar
बिलकुल जी बिलकुल... राज जी और अंतर सोहेल दोनों तक पहुंचाते हैं आपका सन्देश....
@ अविनाश वाचस्पति
फिर तो आप इंसुलिन का इंतजाम करके रखिये... जल्दी ही ऐसी शुगर को और बढाने का प्रबंध किया जाएगा!
@ सतीश सक्सेना
ReplyDeleteआखिरी वाला फोटो ....
उखड़े उखड़े मेरे सरकार नज़र आते हैं ...
:-)
इसका एक कारण तो आपका साथ ना मिल पाना ही है... :-)
इस बार सफ़र में ना आप साथ थे और ना ही खुशदीप भाई.... क्योंकि वह अलग गाडी में थे... हालाँकि अजय भाई, राजीव भाई और राज जी के साथ बेहतरीन चर्चाएँ हुई रास्ते में..
बहुत खूबसूरत चित्र और विवरण
ReplyDeleteशानदार!
ReplyDeleteशानदार जानदार फोटो रिपोर्ट दिलचस्प विवरण.... ये है हिंदी ब्लोगेर्स के जलवे.
ReplyDeleteशाहनवाज जी बढ़िया कलेक्शन है.
ReplyDeleteनव वर्ष की शुभकामनाएं आप सभी को
अजय भाई पर कुछ ज्यादा ही मेहरबान हो। वे सिक्योरिटी वाले बन्दर हैं या अनोनिमस ब्लोगर? कभी हमारा भी नम्बर आएगा, इसी आशा के साथ पोस्ट दर पोस्ट पढे जा रहे हैं। बढिया फोटोज और केप्शन भी।
ReplyDeleteअच्छा लगा ! चित्रावली पोस्ट देख पढ़ कर !
ReplyDeleteआभार!
वाह क्या खूब अंदाज़ रहा…………मज़ा आ गया………वैसे हमारी बारी मे ही लाईट कम होनी थी :))))))
ReplyDeletekya khoob photo grapher bhai
ReplyDeleteक्या बात है..............
ReplyDeleteबहुत बढ़िया लगा आपकी बात करती हुई फोटोस देख कर .....सारी कहानी कह गयीं ये ...
नव वर्ष पर आप सभी को बहुत सारी शुभकामनायें.....
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वाह! सांपला में ब्लॉगरों का मिलन और क्लिकियाते कैमरों की कहानी, बहुत सुन्दर शाहनवाज़ भाई !!
ReplyDeleteवाह..!
ReplyDeleteशानदार मिलन की जानदार और इमानदार प्रस्तुति....!
हर एक पल को समेट कर और सहेज कर रख लिया है आपने....
कुँवर जी,
सुन्दर चित्रों सहित विस्तृत ब्लोगर्स मिलन रिपोर्ट देखकर मज़ा आ गया।
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