तीन बातें चरित्र को गिरा देती हैं - चोरी, निंदा और झूठ।
तीन चीज़ों को कभी छोटा मत समझो - कर्जा, दुश्मन और बीमारी।
तीन चीज़ें हमेशा पर्दा चाहती हैं - दौलत, खाना और शरीर।
तीन चीज़ें हमेशा दिल में रखनी चाहिए - नम्रता, दया और माफ़ी।
तीन चीज़ें कोई चुरा नहीं सकता - अक्ल, हुनर और शिक्षा।
तीन चीज़ों पर कब्ज़ा करो - ज़बान, आदत और गुस्सा।
तीन चीज़ों से दूर भागो - आलस्य, खुशामद और बकवास।
तीन चीज़ों के लिए मर मिटो - धेर्य, देश और मित्र।
तीन बातें कभी मत भूलें - उपकार, उपदेश और उदारता।
तीन चीज़ें इंसान की अपनी होती हैं - रूप, भाग्य और स्वभाव।
तीन चीज़ों को कभी छोटा मत समझो - कर्जा, दुश्मन और बीमारी।
तीन चीज़ें हमेशा पर्दा चाहती हैं - दौलत, खाना और शरीर।
तीन चीज़ें हमेशा दिल में रखनी चाहिए - नम्रता, दया और माफ़ी।
तीन चीज़ें कोई चुरा नहीं सकता - अक्ल, हुनर और शिक्षा।
तीन चीज़ों पर कब्ज़ा करो - ज़बान, आदत और गुस्सा।
तीन चीज़ों से दूर भागो - आलस्य, खुशामद और बकवास।
तीन चीज़ों के लिए मर मिटो - धेर्य, देश और मित्र।
तीन बातें कभी मत भूलें - उपकार, उपदेश और उदारता।
तीन चीज़ें इंसान की अपनी होती हैं - रूप, भाग्य और स्वभाव।