एक विचार

Posted on
  • by
  • Shah Nawaz
  • in
  • Labels: , ,
  • किसी अंडे का खोल अगर बाहरी शक्ति के कारण टूटता है
    तो एक जीवन का अंत हो जाता है.


    वहीँ अंडे का खोल अगर आन्तरिक शक्ति के कारण टूटता है
    तो एक जीवन की शुरुआत होती है.



    महान शुरुआत का स्त्रोत हमेशा हमारे अन्दर होता हैं.

    22 comments:

    1. बिलकुल सही कहा। आज कल बहुत सोचने लगे हो। आशीर्वाद।

      ReplyDelete
    2. चूजे को खोल से बाहर निकलने के लिए खोल को खुद ही तोड़ना होता है। हमारे समाज का भविष्य भी ऐसे ही खोल में बंद है। हमें ही उसे तोड़ना पड़ेगा।

      ReplyDelete
    3. वाह बहुत सुंदर लेख ओर उस पर दिनेश जी की टिपण्णी ने ओर भी सुंदर बना दिया, मै आप दोनो से सहमत हुं, मेरे विचार भी यही हे, धन्यवाद

      ReplyDelete

    4. वाह भाई,
      लम्बे चक्कर के बाद उम्दा संदेश मिला
      आभार

      घर घर में माटी का चूल्हा

      ReplyDelete
    5. २ लाइन में इतनी जबरदस्त बात कह दी भाई...
      अच्छा था..

      ReplyDelete
    6. उत्तम सीख एवं विचार!

      ReplyDelete
    7. सार्थक विचार प्रस्तुत करती सार्थक पोस्ट ... आभार !

      ReplyDelete
    8. वाकई बढ़िया सन्देश ...
      शुभकामनायें

      ReplyDelete
    9. वह , क्या बात है

      ReplyDelete
    10. सुख का स्रोत तो अन्दर है।

      ReplyDelete
    11. ek baat aur bataa doon, experiments se pataa chalaa hai,yadi chuje ko ande se nikalte waqt baahri madad di jaaye (yaane koi baahar ande ko phutne men madad kare) to wo chuja kabhi ud nahin pataa..
      sandesh.. bina mehnat ke aap safal nahin ho sakte :)

      ReplyDelete
    12. वाह भाई,बहुत सुंदर

      मेरी नई पोस्ट पर आपका स्वागत है !

      भाग कर शादी करनी हो तो सबसे अच्छा महूरत फरबरी माह मे

      ReplyDelete
    13. बहुत सुन्दर विचार हैँ । दो पँक्तियोँ मेँ बहुत बड़ा सार हैँ ।
      अब टिप्पणी सही से हो पा रही है शाहनवाज भाई । शुक्रियाँ ।

      ReplyDelete

     
    Copyright (c) 2010. प्रेमरस All Rights Reserved.