पेशे से शिक्षक अमीर 'नहटौरी' उत्तर प्रदेश में बिजनौर जिले के अंतर्गत आने वाले कस्बे नहटौर के रहने वाले हैं तथा जिले में उर्दू अदब के अच्छे जानकारों में शुमार होते हैं. एक समारोह में उनसे मुलाकात हुई तो उन्होंने गजलों से समा बाँध दिया. मालूम करने पर बताते हैं कि ब्लॉग जगत का बहुत नाम सुना है वह खुद भी ब्लॉग जगत में आने के बहुत इच्छुक है, परन्तु अभी तक अपना ब्लॉग नहीं बना पाए हैं. पेश-ए-खिदमत है उनकी दो ग़ज़लें :
----------------------------- (1) ------------------------------
तुमने कहा बस रिश्ता टूटा
हमसे पूछो क्या-क्या टूटा
दिल टूटा तो आपको क्या ग़म
जिसका टूटा उसका टूटा
तरक-ए-ताल्लुक यूं लगता है
रूह से जैसे नाता टूटा
दर्द ने ली अंगड़ाई ऐसी
ज़ख्म का इक-इक टांका टूटा
वोह भी पत्थर बनके बरसा
मैं भी शीशे जैसा टूटा
मैं मिट्टी का एक खिलौना
जितना बचाया उतना टूटा
हमसें जूनूं में अक्सर यारो
जो भी टूटा अपना टूटा
देखा अमीर इस राहे वफा में
क्या-क्या छूटा, क्या-क्या टूटा
- अमीर 'नहटौरी'
----------------------------- (2) ------------------------------
अपनों के कुछ ऐसे करम थे बेग़ानों को याद किया
देख के अपने घर की तबाही, वीरानों को याद किया
देखें छलकते आँख से आंसू, पैमानों को याद किया
होश में रहने वालों ने भी, मयख़ानों को याद किया
गुलशन में जब कलियां महकी, भंवरों का भी ज़िक्र छिड़ा
महफिल में जब शम`आ जली तो, परवानों को याद किया
फैलाए जब जाल हवस ने हुस्न को तब एहसास हुआ
सच्चाई ने आँखें खोली, दिवानो को याद किया
प्यार का नग़मा फिर से ज़बां पर, आज हुआ क्या हमको ‘अमीर’
दर्द भरे कुछ भूले बिसरे, अफ़सानों को याद किया।
- अमीर 'नहटौरी'
Keywords: Ameer Nehtauri, Gazal, Urdu Adab
bahut khoob
ReplyDeleteachha laga ameer shab ki ghazal padhkar.
main bhi bjinor se hoo
sim786.blogspot.com
दिल टूटा तो आपको क्या ग़म
ReplyDeleteजिसका टूटा उसका टूटा
तरक-ए-ताल्लुक यूं लगता है
रूह से जैसे नाता टूटा
आज की कडुवी सच्चाई बयान करती गजल
बहुत अच्छी प्रस्तुति। दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई! राजभाषा हिन्दी के प्रचार-प्रसार में आपका योगदान सराहनीय है!
ReplyDeleteराजभाषा हिन्दी पर – कविता में बिम्ब!
बहुत शानदार
ReplyDeleteअमीर जी से मिलवाने का शुक्रिया।
अमीर जी का ब्लॉग जल्द बनवा दें।
ताकि हम उन्हें और भी पढ सकें।
प्रणाम
बहुत सुंदर रचना जी धन्यवाद
ReplyDeleteबहतरी रचना
ReplyDeleteमैं मिट्टी का एक खिलौना
ReplyDeleteजितना बचाया उतना टूटा
दिल टूटा तो आपको क्या ग़म
ReplyDeleteजिसका टूटा उसका टूटा
Kya bat , Unka kya sab kuch to apna tuta.
Bahut Accha
This comment has been removed by the author.
ReplyDeleteमैंने अपने ब्लॉग मन की दुनिया पर एक ग़ज़ल 'eid ' के मौज़ू पर डाली थी और बताया था कि मैंने इसे जम्मू की एक आलिशान नशिस्त में सुनी थी . उसी नशिस्त में अमीर साहब भी थे और उनके इस कलाम को मैंने वहीं सुना था . इसके अच्छा होने में न तो जम्मू वालो को शक था और न ही अब ब्लॉग वालों को होगा , इंशा अल्लाह .
ReplyDeleteउद्घाटन के मौके पर एक छोटी सी नशिस्त ही कर डालो .
वाह क्या खूब ग़ज़ल
ReplyDeleteदोनों रचनायें, बहुत सुन्दर।
ReplyDeleteबहुत बढ़िया!
ReplyDeleteसुख औ’ समृद्धि आपके अंगना झिलमिलाएँ,
दीपक अमन के चारों दिशाओं में जगमगाएँ
खुशियाँ आपके द्वार पर आकर खुशी मनाएँ..
दीपावली पर्व की आपको ढेरों मंगलकामनाएँ!
-समीर लाल 'समीर'
"वोह भी पत्थर बनके बरसा
ReplyDeleteमैं भी शीशे जैसा टूटा "
कमाल की रचना है न भूलने वाली ! दीपावली पर आपको शुभकामनायें शाहनवाज भाई !
दीपावली के इस शुभ बेला में माता महालक्ष्मी आप पर कृपा करें और आपके सुख-समृद्धि-धन-धान्य-मान-सम्मान में वृद्धि प्रदान करें!
ReplyDeleteतुमने कहा बस रिश्ता टूटा
ReplyDeleteहमसे पूछो क्या-क्या टूटा
तरक-ए-ताल्लुक यूं लगता है
रूह से जैसे नाता टूटा
दर्द ने ली अंगड़ाई ऐसी
ज़ख्म का इक-इक टांका टूटा
हमसें जूनूं में अक्सर यारो
जो भी टूटा अपना टूटा
वाह उमदा शेर हैं।
देखें छलकते आँख से आंसू, पैमानों को याद किया
होश में रहने वालों ने भी, मयख़ानों को याद किया
फैलाए जब जाल हवस ने हुस्न को तब एहसास हुआ
सच्चाई ने आँखें खोली, दिवानो को याद किया
प्यार का नग़मा फिर से ज़बां पर, आज हुआ क्या हमको ‘अमीर’
दर्द भरे कुछ भूले बिसरे, अफ़सानों को याद किया।
दोनो गज़लें बहुत अच्छी लगी। अमीर साहिब को बधाई।
Titanic Jahaj
ReplyDeleteCat in Hindi
Elephant in Hindi
Tree in Hindi
Jupiter in Hindi
Parrot in Hindi
Rabbit in Hindi
Saturn in Hindi
Tortoise in Hindi
Sparrow in Hindi