बिजली विभाग के बड़े उपकार है हम मर्दो पर। अगर बिजली गुल नही होती तो प्रेम के परवानों का क्या होता? प्रेमी तो इंतज़ार किया करते हैं कि बिजली भागे और मिलने का प्रोग्राम बने। सोचिए अपनी छत पर खड़े होकर अंधेरी रात में भी पड़ोसन को चुपचाप देखने का क्या मज़ा है? पड़ोसन चाहे कहीं ओर देख रही हो, लेकिन मजनू मिंया खुश! अंधेरा यह सुखद अहसास दिलाता रहता है कि नज़रे इनायत उस पर ही हैं। कुछ मामलों में तो बिजली गुल होना अमीरी-गरीबी की दिवारें तक मिटा देता है। अब कैंडल लाईट डिनर का मज़ा लेने का हक केवल अमीरो को ही क्यों हो? भला हो बिजली विभाग का जिनकी कृपा दृष्टि के कारण अमीरों का यह शौक गरीब भी पूरा कर लेते है।
बीते दिनों में कौन नहीं लौटना चाहता? अब देखिए बिजली विभाग कितना खयाल रखता है लोगों की भावनाओं का! बिजली भागते ही हाथ के पंखे निकल आते हैं। वैसे भी बड़े कहते हैं कि पुराने दिन हमेंशा याद रखने चाहिए, इससे इन्सान, इन्सान बना रहता है। तो अब समझ में आया कि बिजली का गुल होना हमारे इन्सान बने रहने में कितना सहायक है? वैसे इन्सान ही क्या बिजली विभाग से तो भगवान भी खुश रहते होंगे! बिजली के समय भी कोई भक्ति होती है? भक्त बस कैसेट लगाकर सुनते रहते हैं, लेकिन बिजली गुल होने पर भक्तों को स्वयं भजन-कीर्तन करना पड़ता है! है ना बिजली गुल की भी अजीब ही लीला? प्रभु भी खुश और भक्त भी! आजकल सबसे अधिक परेशानी उत्पन्न होती है मोबाईल फोन से, इसने जीवन को बंधक बना दिया है। अब देखिए जब बिजली गुल हो जाती है तो यह चार्ज ही नहीं हो पाता है, मतलब जीवन चिंता मुक्त! प्रेमीयों की तो पौ बाराह हो जाती है, बातचीत से आराम मिला सो अलग ऊपर से जेब भी ढीली होने से बच गई!
वैसे गृहणियां भगवान से अपने पति की कामयाबी की प्रार्थना करे या ना करें लेकिन धारावाहिक के समय बिजली गुल नहीं होने की मन्नत अवश्य मांगती हैं। वैसे भी अगर काम के समय बिजली भाग भी जाए तो क्या होगा? हद से हद कार्यालय में कार्य बंद हो जाएंगे, कहीं जहाज़ नहीं उड़ पाएगा या कहीं रेल नहीं चल पाएगी, स्कूल में पढ़ाई बंद हो जाएगी अथवा व्यापार में घाटा हो जाएगा, इससे अधिक और क्या हो सकता है? यह भी कोई नुकसान हैं? गृहणियों की नज़रों में असल नुकसान तो किसी धारावाहिक के समय बिजली गुल होना है। उधर कोई मरा हुआ हीरो ज़िंदा हो जाएगा! दूसरी छोड़ो, तीसरी शादी भी हो जाएगी! सास बहु के अथवा बहु अपनी सास के खिलाफ साज़िश को अंजाम दे देगी तो कोई ननद अपनी भाभी को घर से निकलवा देगी और इधर बेचारी गृहणियों को खबर भी नहीं होगी!
"अब पता चला कि बिजली विभाग बिजली गुल करके मर्दो का कितना खयाल रखता है? बिजली गुल होती है तो लगता है कि पत्नी आज घर पर है वर्ना तो टीवी के चक्कर में बीवी का दीदार ही नामुमकिन है।"
- शाहनवाज़ सिद्दीकी
बीते दिनों में कौन नहीं लौटना चाहता? अब देखिए बिजली विभाग कितना खयाल रखता है लोगों की भावनाओं का! बिजली भागते ही हाथ के पंखे निकल आते हैं। वैसे भी बड़े कहते हैं कि पुराने दिन हमेंशा याद रखने चाहिए, इससे इन्सान, इन्सान बना रहता है। तो अब समझ में आया कि बिजली का गुल होना हमारे इन्सान बने रहने में कितना सहायक है? वैसे इन्सान ही क्या बिजली विभाग से तो भगवान भी खुश रहते होंगे! बिजली के समय भी कोई भक्ति होती है? भक्त बस कैसेट लगाकर सुनते रहते हैं, लेकिन बिजली गुल होने पर भक्तों को स्वयं भजन-कीर्तन करना पड़ता है! है ना बिजली गुल की भी अजीब ही लीला? प्रभु भी खुश और भक्त भी! आजकल सबसे अधिक परेशानी उत्पन्न होती है मोबाईल फोन से, इसने जीवन को बंधक बना दिया है। अब देखिए जब बिजली गुल हो जाती है तो यह चार्ज ही नहीं हो पाता है, मतलब जीवन चिंता मुक्त! प्रेमीयों की तो पौ बाराह हो जाती है, बातचीत से आराम मिला सो अलग ऊपर से जेब भी ढीली होने से बच गई!
वैसे गृहणियां भगवान से अपने पति की कामयाबी की प्रार्थना करे या ना करें लेकिन धारावाहिक के समय बिजली गुल नहीं होने की मन्नत अवश्य मांगती हैं। वैसे भी अगर काम के समय बिजली भाग भी जाए तो क्या होगा? हद से हद कार्यालय में कार्य बंद हो जाएंगे, कहीं जहाज़ नहीं उड़ पाएगा या कहीं रेल नहीं चल पाएगी, स्कूल में पढ़ाई बंद हो जाएगी अथवा व्यापार में घाटा हो जाएगा, इससे अधिक और क्या हो सकता है? यह भी कोई नुकसान हैं? गृहणियों की नज़रों में असल नुकसान तो किसी धारावाहिक के समय बिजली गुल होना है। उधर कोई मरा हुआ हीरो ज़िंदा हो जाएगा! दूसरी छोड़ो, तीसरी शादी भी हो जाएगी! सास बहु के अथवा बहु अपनी सास के खिलाफ साज़िश को अंजाम दे देगी तो कोई ननद अपनी भाभी को घर से निकलवा देगी और इधर बेचारी गृहणियों को खबर भी नहीं होगी!
"अब पता चला कि बिजली विभाग बिजली गुल करके मर्दो का कितना खयाल रखता है? बिजली गुल होती है तो लगता है कि पत्नी आज घर पर है वर्ना तो टीवी के चक्कर में बीवी का दीदार ही नामुमकिन है।"
- शाहनवाज़ सिद्दीकी
(दैनिक हरिभूमि - 6 सितम्बर के संस्करण में प्रकाशित व्यंग्य)
Keywords: Bijli Gul, haribhumi daily newspaper, vyang, vyangy, critics, electricity,
:-) :-) interesting post!
ReplyDeleteगृहणियों की नज़रों में असल नुकसान तो किसी धारावाहिक के समय बिजली गुल होना है
ReplyDelete-बिल्कुल सटीक कहा...बेहतरीन व्यंग्य...सब टल सकता है गृहणियों के लिए मगर धारावाहिक..न बाबा न!!
वाह बिजली पर इतनी विहंगम दृष्टी !
ReplyDeleteबिजली भागते ही हाथ के पंखे निकल आते हैं। वैसे भी बड़े कहते हैं कि पुराने दिन हमेंशा याद रखने चाहिए, इससे इन्सान, इन्सान बना रहता है।
ReplyDeletebilkul thik kaha aapne bhaijaan
बिजली को अपनी अहमियत पता तो चली, नहीं तो बेवजह बेशर्मों की तरह आती जाती रहती है।
ReplyDeleteइसे कहते हैं बिजली पर बिजली गिराना......
ReplyDeleteवाह शाहनवाज जी वाह !
बहुत सुन्दर और शानदार प्रस्तुती!
ReplyDeleteशिक्षक दिवस की हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें!
Ha ha ha!
ReplyDeleteसटीक व्यंग्य
ReplyDeleteवाह आपने बिजली वालों को बिजली न देने के कारण उपलब्ध करा दिए
ReplyDeleteएक मित्र नीव (neev cool) ने ऑफ़लाइन चैट पर यह टिपण्णी भेजी है.
ReplyDelete7:22 AM neev: aap ka lekh pareshaniyon ko darshata hai jo bijali katane se hoti hai................
7:23 AM lekin andaje bayan kafi hasyaprad hai............
khuoob likha hai aapne..............
Ha Ha Ha Ha Ha ha
ReplyDeleteHA
Ha
HA
ha
वाह बहुत बढिया व्यंग्य है।
ReplyDeleteबधाई
आज तो बिजली का गुल होना हमारे भाग्य में आ गया ,दोपहर दो बजे से रात के दस बजे तक बिजली महोदया गुल रही ,अब जाकर के आई हैं ,अब इसे अहोभाग्य कहें या दुर्भाग्य ?? :) :)
ReplyDeleteरोचक प्रस्तुति।
ReplyDeleteहिन्दी का प्रचार राष्ट्रीयता का प्रचार है।
हिंदी और अर्थव्यवस्था, राजभाषा हिन्दी पर, पधारें
अंधेरा यह सुखद अहसास दिलाता रहता है कि नज़रे इनायत उस पर ही हैं।
ReplyDelete:)
बेहतरीन पोस्ट है...शुरू से आखरी तक...रोचक...कमाल का व्यंग लेखन...वाह...
ReplyDeleteनीरज
वाह कमाल का व्यंग
ReplyDeleteहा हा हा.....बहुत मजेदार रचना. बिजली न आने के क्या फायदे हो सकते हैं ये तो हमने सोचा ही नहीं था....नया दर्शन दे दिया आपने. बहुत प्यारा व्यंग...आगे भी इन्तिज़ार रहेगा
ReplyDeleteplease come to my blog to read सही और ग़लत की तमीज़ वही देता है जो जीवन देता है ,
ReplyDeletehttp://sunehribaten.blogspot.com/2010/09/1.html#comments
please come to my blog to read सही और ग़लत की तमीज़ वही देता है जो जीवन देता है ,
ReplyDeletehttp://sunehribaten.blogspot.com/2010/09/1.html#comments
je kya hai be
ReplyDeleteकृपया मेरा नया लेख पढ़ें , (ज्ञान की रौशनी तक पहुँचने के लिए भ्रम के अंधेरों से निकलना पड़ता है । )
ReplyDeletehttp://siratalmustaqueem.blogspot.com/2010/09/blog-post_08.html
आज हमारी बिजली गुल है ?
ReplyDeleteआपके इस लेख को मैं सभी को पढ़ा रहा हूँ और आनंद उठा रहा हूँ
वाह ध्न्यवाद बिजली वालो का जी...
ReplyDelete:-)
Deleteबहुत सुन्दर और शानदार प्रस्तुती! बिजली न आने के क्या फायदे हो सकते हैं ये तो हमने सोचा ही नहीं था...
ReplyDelete