हमारी आस्था और उसके विरुद्ध लोगों की राय पर हमारा व्यवहार
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अक्सर लोग अपनी आस्था के खिलाफ किसी विचार को सुनकर मारने-मरने पर उतर जाते
हैं, उम्मीद करते हैं कि सामने वाला भी उतनी ही इज्जत देगा, जितनी कि हमारे
दिल में...
आपकी आँखों से आंसू बह गए
Posted on by Shah Nawaz in
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Poetry,
छोटी बात
आपकी आँखों से आंसू बह गए,
हर इक लम्हे की कहानी कह गए।
मेरे वादे पर था एतमाद तुम्हे,
और सितम दुनिया का सारा सह गए।
- शाहनवाज़ सिद्दीकी
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वाह दो लाइनस में ही कमाल.
ReplyDeleteहर पल होंठों पे बसते हो, “अनामिका” पर, . देखिए
बस सिर्फ़ चार लाइने ?पूरी गजल बन स क ती थी , लगता है जरुरत से ज्यादा आल्सी हो........ हे भाइ मैने ये नही कहा मेरी तरह :), फिर भी बहुत खूब!
ReplyDeleteबेहतरीन। लाजवाब।
ReplyDeleteशाहनवाज़ भाई ईद की बहुत-बहुत मुबारकबाद, कल ऑनलाइन नहीं हो पाया इसलिए बधाई नहीं दे पाया.
ReplyDeleteखूबसूरत शेर लिखे हैं..
ReplyDeleteमेरे वादे पर था एतमाद तुम्हे,
ReplyDeleteऔर सितम दुनिया का सारा सह गए।
क्या बात है, चार लाईनो मै सब व्यान कर दिया.
धन्यवाद
बताने से भी ये गम क्यों कम नहीं होते,
ReplyDeleteआंसुओं से दिल के कोने नम नहीं होते...
जय हिंद...
दो पंक्तियाँ में कई अहसास समेट लिए आपने
ReplyDeleteअच्छी रचना....... बधाई
shaanvaaz bhaayi aansu pr chnd alfaazon e aapne to zindgi ke saare drd ko gaagr men sagr ki trh bhr diyaa bdhaayi ho. akhtar khan akela kota rajsthna
ReplyDeleteबहुत अच्छ लिख है आपने ………॥गागर मे सागर
ReplyDeleteगज़ब गज़ब गज़ब्………………बहुत सुन्दर्।
ReplyDeleteमेरे वादे पर था एतमाद तुम्हे,
ReplyDeleteऔर सितम दुनिया का सारा सह गए।
bahut khoob
बहुत खूबसूरत ...
ReplyDeleteबहुत खूब..
ReplyDeleteमोहब्बत में खाए हैं जख्म इतने की हम इजहार क्या करें ,
ReplyDeleteखुद ही निशाना बन गए हम वार क्या करें ,
मर गए पर आँखें फिर भी रखीं खुली
अब इससे ज्यादा उनका इन्तेज़ार क्या करें
शाहनबाज जी नमस्कार! आँसुओँ की आवाज बहुत ही जबरदस्त होँती हैँ , बहुत कुछ कह जाते हैँ ये। बहुत ही बहतरीन पँक्तियाँ हैँ। आभार! -: VISIT MY BLOGS :- जिसको तुम अपना कहते होँ ............. कविता को पढ़कर तथा Mind and body researches......ब्लोग को पढ़कर अपने अमूल्य विचार व्यक्त करने के लिए आप सादर आमंत्रित हैँ।
ReplyDeleteबेहतरीन ,लाजवाब शेर !!
ReplyDeleteबहुत सुन्दर !
ReplyDeleteदो पंक्तियाँ में कई अहसास समेट लिए आपने
ReplyDeleteमेरे वादे पर था एतमाद तुम्हे,
ReplyDeleteऔर सितम दुनिया का सारा सह गए।
jo rachaai thi imarat pyar ki
sare khwabon ke khanhar Dhahe gaye
kya baat hai....sundar...
ReplyDeletehttp://dilkikashmakash.blogspot.com/
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