आपकी आँखों से आंसू बह गए

Posted on
  • by
  • Shah Nawaz
  • in
  • Labels: , ,

  • आपकी आँखों से आंसू बह गए,
    हर इक लम्हे की कहानी कह गए।

    मेरे वादे पर था एतमाद तुम्हे,
    और सितम दुनिया का सारा सह गए।

    - शाहनवाज़ सिद्दीकी

    22 comments:

    1. बस सिर्फ़ चार लाइने ?पूरी गजल बन स क ती थी , लगता है जरुरत से ज्यादा आल्सी हो........ हे भाइ मैने ये नही कहा मेरी तरह :), फिर भी बहुत खूब!

      ReplyDelete
    2. शाहनवाज़ भाई ईद की बहुत-बहुत मुबारकबाद, कल ऑनलाइन नहीं हो पाया इसलिए बधाई नहीं दे पाया.

      ReplyDelete
    3. खूबसूरत शेर लिखे हैं..

      ReplyDelete
    4. मेरे वादे पर था एतमाद तुम्हे,
      और सितम दुनिया का सारा सह गए।
      क्या बात है, चार लाईनो मै सब व्यान कर दिया.
      धन्यवाद

      ReplyDelete
    5. बताने से भी ये गम क्यों कम नहीं होते,
      आंसुओं से दिल के कोने नम नहीं होते...

      जय हिंद...

      ReplyDelete
    6. दो पंक्तियाँ में कई अहसास समेट लिए आपने
      अच्छी रचना....... बधाई

      ReplyDelete
    7. shaanvaaz bhaayi aansu pr chnd alfaazon e aapne to zindgi ke saare drd ko gaagr men sagr ki trh bhr diyaa bdhaayi ho. akhtar khan akela kota rajsthna

      ReplyDelete
    8. बहुत अच्छ लिख है आपने ………॥गागर मे सागर

      ReplyDelete
    9. गज़ब गज़ब गज़ब्………………बहुत सुन्दर्।

      ReplyDelete
    10. मेरे वादे पर था एतमाद तुम्हे,
      और सितम दुनिया का सारा सह गए।
      bahut khoob

      ReplyDelete
    11. मोहब्बत में खाए हैं जख्म इतने की हम इजहार क्या करें ,
      खुद ही निशाना बन गए हम वार क्या करें ,
      मर गए पर आँखें फिर भी रखीं खुली
      अब इससे ज्यादा उनका इन्तेज़ार क्या करें

      ReplyDelete
    12. शाहनबाज जी नमस्कार! आँसुओँ की आवाज बहुत ही जबरदस्त होँती हैँ , बहुत कुछ कह जाते हैँ ये। बहुत ही बहतरीन पँक्तियाँ हैँ। आभार! -: VISIT MY BLOGS :- जिसको तुम अपना कहते होँ ............. कविता को पढ़कर तथा Mind and body researches......ब्लोग को पढ़कर अपने अमूल्य विचार व्यक्त करने के लिए आप सादर आमंत्रित हैँ।

      ReplyDelete
    13. बेहतरीन ,लाजवाब शेर !!

      ReplyDelete
    14. दो पंक्तियाँ में कई अहसास समेट लिए आपने

      ReplyDelete
    15. मेरे वादे पर था एतमाद तुम्हे,
      और सितम दुनिया का सारा सह गए।
      jo rachaai thi imarat pyar ki
      sare khwabon ke khanhar Dhahe gaye

      ReplyDelete
    16. kya baat hai....sundar...
      http://dilkikashmakash.blogspot.com/

      ReplyDelete

     
    Copyright (c) 2010. प्रेमरस All Rights Reserved.