विरोध का तरीका कैसा होना चाहिए?

Posted on
  • by
  • Shah Nawaz
  • in
  • Labels: ,
  • विरोध करने के लिए विरोध करना भी आना चाहिए। अगर किसी को लगता है कि कोई बात गलत है, तो हो-हल्ला मचाने से पूर्व सबसे पहले उसके बारें में पूरी जानकारी हासिल करना चाहिए। इससे कई बातें सामने आ सकती हैं। जैसे कि:

    1. हो सकता है कि जो हम सोच रहे हैं, वह बात बिलकुल वैसी ही निकले।

    2. इस बात की भी पूरी संभावना है कि जो हम सोच रहे हैं, बात वैसी नहीं हो।

    3. हर बात के अच्छे और बुरे पहलु हो सकते हैं, क्योंकि समय और समझ के हिसाब से हर बात का अलग महत्त्व होता है।

    4. विरोधियों की और समर्थन करने वालो की बातों पर एकदम से पूरा विश्वास नहीं करना चाहिए. क्योंकि विरोधी अक्सर अच्छी बातों का भी विरोध करते हैं, वहीँ समर्थक बुरी बातों का भी समर्थन करते हैं।

    5. बल्कि सही रास्ता तो यही है, कि विरोधियों और समर्थकों की बातों का तथा सम्बंधित विषय का पूरी तरह से अध्यन करके ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचना चाहिए।

    6. सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है, कि सिक्के का एक ही पहलु देखने की जगह बात अगर किसी से सम्बंधित है तो उसके विचारों का भी अध्यन करना चाहिए।


    - शाहनवाज़ सिद्दीकी

    17 comments:

    1. आप से सही बात बताई
      धन्यवाद्

      ReplyDelete
    2. शाहनवाज जी बिल्कुल सही बात विरोध करने से पहले निहित स्वार्थ से ऊपर उठकर जनहित व जनकल्याण के कसौटी पर उसे जरूर तौलना चाहिए सिर्फ निहित स्वार्थ के लिए किसी भी बात का विरोध करना ठीक नहीं है | मैं अभी बिहार के कुछ जिलों के सामाजिक जाँच के अभियान पर हूँ और गांव में नेटवर्क व बिजली की समस्या की वजह से ब्लॉग नहीं लिख पा रहा हूँ और टिप्पणियां भी देने में असमर्थ महसूस कर रहा हूँ जबकि लिखने को बहुत कुछ है ,सामाजिक जाँच में इंसानियत को शर्मसार करने वाली ढेरों बातें है जिसे अन्य ब्लोगरों को बताने की इक्षा है ,गांवों में कई देश भक्त ब्लोगर भी बनाने का प्रयास कर रहा हूँ इसके लिए http://jantakireport .blogspot .com पर जाकर नए ब्लोगरों का आपलोग हौसला बढ़ा सकते हैं | मुझे एहसास हो रहा है की हर गांव में भगत सिंह,चंद्रशेखर आजाद,डॉ.राजेन्द्रप्रसाद और महात्मा गाँधी आज भी मौजूद है जिसे सुरक्षा और सहायता के साथ एकजुटता की ताकत पहुँचाने की जरूरत है | कल 28 /06 /2010 को सीतामढ़ी(बिहार) के DM और SP से सामाजिक मुद्दों पर मीटिंग हुयी जिसमे सच्चे,अच्छे और इमानदार लोगों की हर हाल में सुरक्षा व सहायता का आश्वासन मिला तथा कुछ स्थानीय मुद्दों पर हमारे सामाजिक जाँच रिपोर्ट पर ईमानदारी से त्वरित कार्यवाही का भी आश्वासन मिला ,आनेवाले दिनों में इस आश्वासन की परीक्षा होगी | लगभग दस दिनों बाद दिल्ली लौटूंगा तो बिहार के जमीनी हकीकत को सभी ब्लोगरों को बताऊंगा | इस दरम्यान किसी को हमसे संपर्क करना हो तो हमें -09810752301 पर फोन कर सकते हैं | दिल्ली में आने वाले दिनों में IRI .ORG .IN के संस्थापक सदस्यों से हमारी मीटिंग है जिसमे हम सामाजिक मुद्दों पर गंभीर ब्लोगरों को भी इस मीटिंग में जरूर शामिल करने का प्रयास करेंगे जिससे पूरे देश में असल लोकतंत्र के लिए आंदोलनरत लोगों के लिए एक मजबूत सुरक्षा तंत्र का निर्माण किया जा सके |

      ReplyDelete
    3. Manner ? क्या महिला ब्लॉगर्स और इन पुरूष बुद्धिजीवियों से मेरी शिकायत वाजिब है या ग़ैर वाजिब है ?
      http://vedquran.blogspot.com/2010/06/manner.html

      ReplyDelete
    4. @ honesty project democracy

      झा जी आप सामाजिक मूल्यों से जुड़े हुए एक सच्चे प्रहरी हैं. सामाजिक कार्यों पर आपकी पकड़ और महत्वपूर्ण योगदान सराहनीय है. आशा करता हूँ आपकी यात्रा मंगलमय और लक्ष्य को पाने वाली हो.

      ReplyDelete
    5. बिल्कुल सही बात कही।

      ReplyDelete
    6. बिलकुल सही कहा आपने। आभार।

      ReplyDelete
    7. आपके तर्कों से सहमत

      ReplyDelete
    8. थोडा सा इंतज़ार कीजिये, घूँघट बस उठने ही वाला है - हमारीवाणी.कॉम

      आपकी उत्सुकता के लिए बताते चलते हैं कि हमारीवाणी.कॉम जल्द ही अपने डोमेन नेम अर्थात http://hamarivani.com के सर्वर पर अपलोड हो जाएगा। आपको यह जानकार हर्ष होगा कि यह बहुत ही आसान और उपयोगकर्ताओं के अनुकूल बनाया जा रहा है। इसमें लेखकों को बार-बार फीड नहीं देनी पड़ेगी, एक बार किसी भी ब्लॉग के हमारीवाणी.कॉम के सर्वर से जुड़ने के बाद यह अपने आप ही लेख प्रकाशित करेगा। आप सभी की भावनाओं का ध्यान रखते हुए इसका स्वरुप आपका जाना पहचाना और पसंद किया हुआ ही बनाया जा रहा है। लेकिन धीरे-धीरे आपके सुझावों को मानते हुए इसके डिजाईन तथा टूल्स में आपकी पसंद के अनुरूप बदलाव किए जाएँगे।....

      अधिक पढने के लिए चटका लगाएँ:
      http://hamarivani.blogspot.com

      ReplyDelete
    9. सबसे महत्वपूर्ण बात तो यह है, कि सिक्के का एक ही पहलु देखने की जगह बात अगर किसी से सम्बंधित है तो उसके विचारों का भी अध्यन करना चाहिए।

      ReplyDelete
    10. समर्थन और विरोध। समर्थक और विरोधी। दोनो ही परिस्थितियों मे 'विषय' का ज्ञात न होना और भेड़िया धसान की तरह शामिल हो गये भीड़ मे। यही होते आ रहा है और हो भी न क्यों भाई आज की इस बेरोजगारी मे यदि भीड़ बढ़ाने की कीमत मिल जाये बेरोजगारों को तो भाड़ मे जाय समर्थन और विरोध। सुंदर विचार और व्यंग्य की शक़ल में।

      ReplyDelete
    11. एक दूसरे के पीछे लाइन लगाने के बजाय काश भेड़ों ने कभी आसमान भी देखा होता ...

      ReplyDelete

     
    Copyright (c) 2010. प्रेमरस All Rights Reserved.