इसे समय की मार कहें या ज़माने का सितम जिसने एक बेहोश व्यक्ति को अस्पताल-दर-अस्पताल ठोकरे खाने पर विवश कर दिया है। बात इकराम गनी नामक व्यक्ति की है, जिनके बारे में मैने अपने लेख "आखिर संवेदनशीलता क्यों समाप्त हो रही है" में पहले बताया था। उनका एक्सिडेंट 8 अप्रेल को मुरादाबाद, उ. प्र. में एक न्यायधीश साहिबा की कार से हो गया था, जिससे उनके सिर में गम्भीर चोट लगी थी और एक पैर की हड्डी पूरी तरह टूट गई थी। मुरादाबाद के डाक्टरों के जवाब देने पर उनको दिल्ली लाया गया था, दिल्ली के किसी सरकारी अस्पताल में दाखिला ना मिलने की वजह से उनको बत्तरा अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था। धीरे-धीरे वहां भी दिन बीतते गए परंतु हालात में कोई सुधार नहीं आया। इधर इनके परिजनों के पास पैसे भी समाप्त होते गए हालात यहां तक आए की रिश्तेदारों के आगे हाथ फैलाने पड़े। जिन लोगो के आड़े-हाथों में मदद की थी उनसे मदद तो मिली परंतु वह बहुत कम थी और इलाज और दवाईयों का खर्चा उठाने में नाकाफी थी। फिर फैसला किया गया कि उनको आल इंडिया मेडिकल अथवा पंत जैसे किसी सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया जाए।
इसके बाद शुरू हुआ अस्पताल-दर-अस्पताल भटकने और ठोकरे खाने का सिलसिला, लेकिन इकराम गनी को किसी भी अस्पताल ने दाखिल नहीं किया। तर्क था आईसीयू में बैड उपलब्ध ना होना। क्या ऐसा हो सकता है कि आल इंडिया मेडिकल, राम मनोहर लोहिया और पंत जैसे कितने ही बड़े अस्पताल में किसी एक गरीब और बेहोश व्याक्ति के लिए बैड खाली ना हो? या फिर उपर तक पहुंच ना होने के कारण उनको मना कर दिया गया? क्या यही है सरकार की ‘आम आदमी के साथ’ वाले नारे की हकीकत? क्या सरकार की नींद कभी खुलेगी? जानता हुँ कि इस भ्रष्ट व्यवस्था में कुछ भी कहना नक्कारखाने में तुती बजाने जैसा ही है।
इकराम गनी के परीजनों ने थक-हार कर और सीने पर पत्थर रख कर उनको दरिया गंज के एक छोटे से नर्सिंग होम खदीजा नेशनल अस्पताल में भर्ती कराना पडा है।
अच्छा है कि इकराम की आप सो रहे हो वर्ना नंगी आँखो से यह सब देखते तो जीते-जी मर जाते!
नोटः अगर कोई भी इकराम गनी के अच्छे इलाज की व्यवस्था करावाने में अपना योगदान देना चाहें अथवा उनका हाल-चाल पता करना चाहे तो दरियागंज के खदीजा नेशनल अस्पताल से संपर्क कर सकते हैं या फिर मुझसे उनके परिजनों के बारे में पता कर सकते है। मेरा ई-पता है: shnawaz@gmail.com
- शाहनवाज़ सिद्दीकी
Keywords:
Accident, Government, Ikram Ghani, News, संवेदनहीनता
शाह नवाज़ भाई, आपकी पोस्ट का लिंक मैंने कुछ दोस्तों को भेजा है,अल्लाह मालिक है.
ReplyDeleteBhagwan se prarthna he ki Ikram ji jaldee thik ho jae.
ReplyDeletekinldy mail me his contact no and present health condition at seemagupta9@gmail.com
ReplyDeleteregards
Shahnawaz bhai, maine kal bhi aapki yeh post padhi thi, aap Ikram ji kee madad kar ke achha kam kar rahe hein. Agar meri koi zarurat ho to mujhe avashy Sanjeev.g78@gmail.com per email karein.
ReplyDeleteAapne bilkul sahi kaha ki.....
ReplyDeleteया फिर उपर तक पहुंच ना होने के कारण उनको मना कर दिया गया? क्या यही है सरकार की ‘आम आदमी के साथ’ वाले नारे की हकीकत? क्या सरकार की नींद कभी खुलेगी? जानता हुँ कि इस भ्रष्ट व्यवस्था में कुछ भी कहना नक्कारखाने में तुती बजाने जैसा ही है।
magar aapka prayas zarur safal hoga, aisa ishwar se kamna hei.
"अच्छा है कि इकराम की आप सो रहे हो वर्ना नंगी आँखो से यह सब देखते तो जीते-जी मर जाते!"
ReplyDeleteNice article ek injured person ki support me. Actually it's a realty of our government.
ReplyDeleteIshwar se ummid karti hu ki Ikram ji jaldi swasth hokar apne ghar laut aae.
ReplyDeleteIshallah Allah aapko jald theek karega! Ameen
ReplyDeleteशाहनवाज़ जी आप एक नेक काम कर रहें हैं, इसमें कोइ आपके साथ आए या ना आए पर खुदा ज़रूर आपके साथ है.
ReplyDeleteसभी साथियों का बहुत-बहुत धन्यवाद.
ReplyDeleteसीमा जी एवं संजीव जी.
मैंने आपको email पर इकराम जी के परिजनों का फोन नंबर भेज रहा हूँ. उनको किसी अच्छे अस्पताल में भर्ती करवाने या उनकी आवाज़ मीडिया तक पहुँचाने में अगर आप कुछ भी मदद कर पाए तो हम सब आपके बहुत-बहुत आभारी होंगे.
धन्यवाद!
इस वक्त तो भगवान उनकी रक्षा करे।
ReplyDeleteGOOD SHANAWAAJ BHAI....
ReplyDeleteKUNWAR JI,
जिस देश में २ लाख ग़रीब किसान आत्म हत्या कर लें और नेता आदि महंगाई को फिर भी बढ़ाते चले जाएँ , वहां उनसे किसी हमदर्दी की उम्मीद चील के घोंसले में मांस ढूँढने के बराबर है . लेकिन मौत और हयात फिर भी उनके हाथ में नहीं है , आप कोशिश करें और कुछ एन जी ओस से भी contact करें . आपके और घायल इकराम साहब के लिए सच्चे मालिक से दुआ करता हूँ .
ReplyDeleteकोशिश जारी है, लकी जी से बात भी की है.....बाकी ऊपर वाला सब की मदद करता है... सब ठीक होगा.
ReplyDeleteregards
Praying for his health and fast recovery.
ReplyDeleteधन्यवाद सीमा जी, मेरी बात हुई थी लकी से। हम लोग कोशिश कर रहें हैं उन्हें जी बी पंत अस्पताल में एडमिट करावाने की। ईश्वर से उम्मीद है कि सब कुछ ठीक हो जाएगा।
ReplyDeleteअन्य सभी साथियों का भी बहुत-बहुत धन्यवाद!
Assalamu alaikum Bhai....
ReplyDeletedis iz bitter face of our society in which we live...
der cud be more ppl suffering frm dis,..
उनके घर का हाल मालुम करने की कोशिश करें ..परिवार में कौन है और कुछ काम करने के लिए मशीनें आदि देने में हम लोग कुछ मदद उनकी कर सकते हैं ! अगर हो सके तो मालुम करके बताएं !
ReplyDeleteशुभकामनायें !
9811076451
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